“भारत में अंग्रेज़ी राज्य की स्थापना” Bihar Board Class 8 History chapter 2 Notes कक्षा 8 के छात्रों के लिए महत्वपूर्ण है क्योंकि यह अध्याय हमें यह समझने में मदद करता है कि अंग्रेज़ों ने भारत पर कैसे नियंत्रण स्थापित किया। इस अध्याय में हम विस्तार से जानेंगे कि अंग्रेज़ी ईस्ट इंडिया कंपनी ने किस प्रकार से अपनी शक्ति का विस्तार किया और कैसे उन्होंने भारतीय राज्यों पर धीरे-धीरे अपना नियंत्रण स्थापित किया।
अंग्रेज़ों का भारत में आगमन व्यापार के उद्देश्य से हुआ था, लेकिन धीरे-धीरे उन्होंने भारतीय राजनीति और प्रशासन में हस्तक्षेप करना शुरू कर दिया। प्लासी और बक्सर की लड़ाइयों ने उन्हें बंगाल पर नियंत्रण करने का मौका दिया और इसके बाद उन्होंने पूरे भारत में अपनी शक्ति का विस्तार किया। डिवाइड एंड रूल की नीति, संधियों और सैन्य ताकत का इस्तेमाल कर अंग्रेज़ों ने भारत में एक सशक्त और स्थायी सत्ता स्थापित की। इस प्रकार, अंग्रेज़ों ने भारत पर अपना नियंत्रण स्थापित कर लिया और धीरे-धीरे पूरे देश को अपने अधीन कर लिया।
Bihar Board Class 8 History chapter 2 Notes – अंग्रेज़ों का भारत आगमन
अंग्रेज़ों का भारत में आगमन 1600 ई. में हुआ जब अंग्रेज़ी ईस्ट इंडिया कंपनी ने व्यापार के उद्देश्य से भारत में प्रवेश किया। इस समय भारत विभिन्न छोटे-बड़े रियासतों में विभाजित था। मुगल साम्राज्य कमजोर हो रहा था, और देश में राजनैतिक अस्थिरता का माहौल था। इस स्थिति का लाभ उठाकर अंग्रेज़ों ने अपने व्यापार को बढ़ाने के साथ-साथ भारतीय राजनीति में भी हस्तक्षेप करना शुरू किया।
ईस्ट इंडिया कंपनी का विस्तार:- अंग्रेज़ी ईस्ट इंडिया कंपनी ने 18वीं शताब्दी में भारत में अपनी जड़े जमानी शुरू की। उन्होंने सबसे पहले बंगाल, बिहार और उड़ीसा में अपने कदम जमाए। 1757 की प्लासी की लड़ाई में सिराजुद्दौला की हार ने अंग्रेज़ों को बंगाल पर पूर्ण नियंत्रण प्रदान किया। इस जीत के बाद अंग्रेज़ों ने भारतीय रियासतों के साथ व्यापारिक और सैन्य संधियाँ करके अपनी शक्ति बढ़ाई।
प्लासी की लड़ाई:- 23 जून 1757 को प्लासी की लड़ाई हुई थी, जो भारतीय इतिहास की सबसे महत्वपूर्ण घटनाओं में से एक है। यह लड़ाई सिराजुद्दौला, जो बंगाल के नवाब थे, और अंग्रेज़ी ईस्ट इंडिया कंपनी के बीच हुई थी। सिराजुद्दौला की सेना में आंतरिक मतभेद और मीर जाफर की गद्दारी के कारण अंग्रेज़ों की विजय हुई। इस जीत के बाद अंग्रेज़ों ने बंगाल के साथ-साथ पूरे भारत में अपने प्रभाव को बढ़ाया।
बक्सर की लड़ाई:- 1764 में बक्सर की लड़ाई भी एक महत्वपूर्ण घटना थी, जिसमें अंग्रेज़ों ने मीर कासिम, अवध के नवाब शुजाउद्दौला, और मुगल सम्राट शाह आलम द्वितीय की संयुक्त सेनाओं को पराजित किया। इस जीत ने अंग्रेज़ों को बंगाल, बिहार, और उड़ीसा में दीवानी अधिकार प्रदान किए, जिससे उनकी राजनीतिक और आर्थिक शक्ति और मजबूत हो गई।
डिवाइड एंड रूल की नीति:- अंग्रेज़ों ने भारत में अपनी सत्ता को स्थायी बनाने के लिए ‘डिवाइड एंड रूल’ (फूट डालो और शासन करो) की नीति अपनाई। उन्होंने भारतीय शासकों और सामंतों के बीच आपसी द्वेष और असंतोष को भड़काकर अपने पक्ष में किया। इस नीति के कारण भारतीय रियासतें आपस में लड़ती रहीं और अंग्रेज़ों ने इसका लाभ उठाकर अपनी स्थिति को और भी मजबूत किया।
कंपनी शासन का विस्तार:- प्लासी और बक्सर की लड़ाइयों के बाद, अंग्रेज़ों ने भारत के विभिन्न क्षेत्रों पर धीरे-धीरे नियंत्रण करना शुरू किया। उन्होंने माराठों, मैसूर के शासकों, और सिखों के साथ कई युद्ध लड़े और उन्हें पराजित किया। इन सभी युद्धों में जीत हासिल करने के बाद, अंग्रेज़ों ने दक्षिण और पश्चिम भारत पर भी अपनी पकड़ मजबूत कर ली।
संधियाँ और संधि की शर्तें:- अंग्रेज़ों ने विभिन्न भारतीय रियासतों के साथ संधियाँ कीं, जिनमें से कई संधियाँ असमान और भारतीय रियासतों के खिलाफ थीं। उदाहरण के लिए, सुब्सिडी एलायंस (Subsidiary Alliance) और डोctrine of Lapse जैसी नीतियों का उपयोग अंग्रेज़ों ने भारतीय रियासतों को अपने नियंत्रण में लाने के लिए किया। इन नीतियों ने भारतीय राज्यों की स्वतंत्रता को समाप्त कर दिया और उन्हें अंग्रेज़ों के अधीन कर दिया।
निष्कर्ष
Bihar Board Class 8 History chapter 2 Notes “भारत में अंग्रेज़ी राज्य की स्थापना” में हमने देखा कि कैसे अंग्रेज़ों ने अपनी व्यापारिक और सैन्य शक्ति के बल पर भारत पर शासन स्थापित किया। इस अध्याय से छात्रों को यह समझने में मदद मिलती है कि किस प्रकार से भारत में अंग्रेज़ी शासन की नींव रखी गई और कैसे यह पूरे देश में फैल गया। इस अध्याय के अध्ययन से हमें यह भी सिखने को मिलता है कि राजनैतिक अस्थिरता और आंतरिक विभाजन का लाभ उठाकर कोई भी बाहरी शक्ति देश पर कैसे शासन कर सकती है।